आओ थाम लो मेरा हाथ की मुझे जरूरत है एक साथी की...
आओ बैठो मेरे पास की रोने को जरुरत है मुझे एक कंधे की...
आओ कुछ कहो मुझसे कुछ सुनो मेरी, घड़ियां बहुत गुज़र चुकी ख़ामोशी क़ी..
आओ और होने दो खुशी की बारिश, दिल पर कबसे छाई है बदली ग़मों की..
आओ और बन जाओ ज़वाब मेरे की अब हो हद गई दुनिया के सवालों की ..
आओ और भर दो उज़ाले की उम्र हो गई बहुत अन्धेरों की....
आओ और सम्भाल लो मुझे की ये राह है फिसलने की....
आओ और मिटा दो हर फासले की दुरियां बहुत बढ गई है दिलों की ...
आओ और चलो मेरे साथ की ज़रूरत है मुझे हमसफ़र की ...
आओ और कर जाओ मुझे संग अपने की अब ज़रूरत है मुझे ज़िंदगी की....
आओ चाहे आके फिर चले जाना...........
आओ चाहे मिल के फिर बिछड़ जाना....
क्योंकि शायद ज़िंदगी में कमी होने लगी है आंसूओ की , यादों की......
आओ बैठो मेरे पास की रोने को जरुरत है मुझे एक कंधे की...
आओ कुछ कहो मुझसे कुछ सुनो मेरी, घड़ियां बहुत गुज़र चुकी ख़ामोशी क़ी..
आओ और होने दो खुशी की बारिश, दिल पर कबसे छाई है बदली ग़मों की..
आओ और बन जाओ ज़वाब मेरे की अब हो हद गई दुनिया के सवालों की ..
आओ और भर दो उज़ाले की उम्र हो गई बहुत अन्धेरों की....
आओ और सम्भाल लो मुझे की ये राह है फिसलने की....
आओ और मिटा दो हर फासले की दुरियां बहुत बढ गई है दिलों की ...
आओ और चलो मेरे साथ की ज़रूरत है मुझे हमसफ़र की ...
आओ और कर जाओ मुझे संग अपने की अब ज़रूरत है मुझे ज़िंदगी की....
आओ चाहे आके फिर चले जाना...........
आओ चाहे मिल के फिर बिछड़ जाना....
क्योंकि शायद ज़िंदगी में कमी होने लगी है आंसूओ की , यादों की......
"पहले तो चला करते थे वो साथ, हर पल साये की तरह ..
पर जबसे दिल ने तमन्ना कि है उन्हें पाने की,एक ज़माना हुआ उन्हें देखे.."
पर जबसे दिल ने तमन्ना कि है उन्हें पाने की,एक ज़माना हुआ उन्हें देखे.."
3 comments:
बहुत ख़ूब!!!
क्या कहुँ लिखती तो तुम ठीक हो ही...
इस बार बेपनाह मोहब्बत की तासीर
को कलमों के सहारे संजिदा तस्वीर में बदल डाला है
अदभुत...!!!
thnx pratik... will wait for ur comments in future.
Hi divya thnx again.. aur sirf thik likhati hun?
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