Tuesday, March 12, 2013

Main khud ko shakal deti hun


   : सौजन्य : गूगल 


 मेरी ज़िन्दगी के टुकड़े ...
 ये चंद धुंधले से चहरे .....
मेरी अधूरी कहानी के पन्ने .....
ये अधूरे से कुछ रिश्ते ....
बिखर  गए थे यादों के दामन से ..
अधूरे से ये किस्से ...
मेरे वजूद से हिस्से ....
मैं इनको समेटती हुं ....
मैं खुद को एक शक्ल देती हुं 

Monday, February 11, 2013

Dard mien doobe chand lafz....


चित्र सौजन्य - गूगल 

कुछ बूंदे  मेरे लहू की ......
कतरा कतरा कुछ अश्क ......
चंद लकीरें हाथों की .......
एक फ़साना बिखरा सा .......
एक ग़ज़ल तिनको सी ......
यादों की बंद खिड़कियाँ .......
एक दीवार दरारों की ......
ना टुकड़े  समेटे .......
ना दरारें भरी .....
जिंदगी उलझी गिरहों सी .......