चित्र सौजन्य - गूगल
तुम्हारी तलाश .... तुम्हारे साथ ......
मन के नगर .... मिले तुम नहीं ...
जाने कहाँ .... बसे किस देश .....
मेरा दिल ..... जैसे बना परदेश .....
ढूँढने तेरे मन का आँगन .......
फिर - फिर आऊँ .... तेरे घर के बार ...
तुम्हारी तलाश ... तुम्हारे साथ ....
मेरी आँखों से .... गुजरे हैं जो कभी ....
यादों के साए ... या तुम्हारे ख्वाब ....
तुम्हीं से सारे सवाल ......
तुम्हीं से सारे जवाब ......
तुम्हारी तलाश ..... तुम्हारे साथ .....
सांस - सांस .... बन आना तुम्हारा ....
धड़कन बन ... धड़कना दिल में ....
फिर भी तुम मेरे नहीं .....
बन के रहे मेरे संग .... बस ख्याल ......
तुम्हारी तलाश .... तुम्हारे साथ .......
9 comments:
एक खबूसरूत कविता..पर साल का अंतराल....अकेलेपन में अवारगी करता आया था आपके ब्लाग तक..अच्छा हुआ कि ताजा रचना भी मिली....।
http://www.parikalpnaa.com/2013/01/blog-post_15.html
मंगलवार 22/01/2013को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं .... !!
आपके सुझावों का स्वागत है .... !!
धन्यवाद .... !!
बहुत सुंदर ......
खूबसूरत भाव ।
तलाश निरंतर रहती है ... साथ होने पर भी होती है ...
बहुत सुन्दर रचना।।।
:-)
Thanks everybody!!!!
Thanks evrybody!!!
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