Wednesday, December 19, 2012

Tumhaari talsaash ... tumhaare saath ....




चित्र सौजन्य -  गूगल 

तुम्हारी तलाश .... तुम्हारे साथ ......
मन के नगर  .... मिले तुम नहीं ...
जाने कहाँ .... बसे किस देश ..... 
मेरा दिल ..... जैसे बना परदेश ..... 
ढूँढने तेरे मन का आँगन ....... 
फिर - फिर आऊँ .... तेरे घर के बार ...
तुम्हारी तलाश ... तुम्हारे साथ ....
मेरी आँखों से .... गुजरे हैं जो कभी .... 
यादों के साए ... या तुम्हारे ख्वाब ....
तुम्हीं से सारे सवाल ...... 
तुम्हीं से सारे जवाब ......
तुम्हारी तलाश ..... तुम्हारे साथ .....
सांस - सांस .... बन आना तुम्हारा ....
धड़कन बन ... धड़कना दिल में ....
फिर भी तुम मेरे नहीं  .....
बन के रहे मेरे संग .... बस ख्याल ......
तुम्हारी तलाश .... तुम्हारे साथ ....... 

9 comments:

Rohit Singh said...

एक खबूसरूत कविता..पर साल का अंतराल....अकेलेपन में अवारगी करता आया था आपके ब्लाग तक..अच्छा हुआ कि ताजा रचना भी मिली....।

रश्मि प्रभा... said...

http://www.parikalpnaa.com/2013/01/blog-post_15.html

विभा रानी श्रीवास्तव said...

मंगलवार 22/01/2013को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं .... !!
आपके सुझावों का स्वागत है .... !!
धन्यवाद .... !!

डॉ. मोनिका शर्मा said...

बहुत सुंदर ......

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

खूबसूरत भाव ।

दिगम्बर नासवा said...

तलाश निरंतर रहती है ... साथ होने पर भी होती है ...

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत सुन्दर रचना।।।
:-)

Monika (Manya) said...

Thanks everybody!!!!

Monika (Manya) said...

Thanks evrybody!!!