Monday, February 11, 2013

Dard mien doobe chand lafz....


चित्र सौजन्य - गूगल 

कुछ बूंदे  मेरे लहू की ......
कतरा कतरा कुछ अश्क ......
चंद लकीरें हाथों की .......
एक फ़साना बिखरा सा .......
एक ग़ज़ल तिनको सी ......
यादों की बंद खिड़कियाँ .......
एक दीवार दरारों की ......
ना टुकड़े  समेटे .......
ना दरारें भरी .....
जिंदगी उलझी गिरहों सी .......


3 comments:

ashok raaj said...

Zindagi... Shayad isi ka naam hai Zindagi..!!!

मेरा मन पंछी सा said...

भावपूर्ण रचना..

वीरेंद्र मिश्र said...

बोलते शब्द !
कुछ कहते
फड़फड़ाते,
गुगुनाते,
चीर कर
दिल में
उतर जाते ।