चित्र सौजन्य - गूगल
कुछ बूंदे मेरे लहू की ......
कतरा कतरा कुछ अश्क ......
चंद लकीरें हाथों की .......
एक फ़साना बिखरा सा .......
एक ग़ज़ल तिनको सी ......
यादों की बंद खिड़कियाँ .......
एक दीवार दरारों की ......
ना टुकड़े समेटे .......
ना दरारें भरी .....
जिंदगी उलझी गिरहों सी .......