Thursday, January 18, 2007

BAAWARI PIYA MAIN TERI......


बावरी हुई पिया मैं तेरी... निर्मोही,निष्ठुर बालम काहे तोसे मोह लगाया.. काहे अपना सुख चैन गंवाया.. अब कासे करुं सिकायत मैं तोहरी.. बावरी हुई पिया मैं तोहरी.. तुम जाके बैठे परदेस बलम जी.. छोड़ गये मुझ जोगन को पिया जी.. तुम बिन मोहे कुछ नहीं भावे .. खारी लागे निगोड़ी कोयल की बोली.. जो लावे तोरे आने का संदेस.. मिट्ठी लागी मोहे उस काले कागे की बानी.. बावरी हुई पिया मैं तेरी.. काहे तोसे मैनें नैना जोड़े .. काहे सारे बन्धन छोड़े .. तेरे बिन लागे ढोला सिन्गार ये आधूरा.. बिन थारे लागे फूल भी बिछूआ.. तेरी प्रीत के आगे नहीं सुहावे धानी चुनरी.. हां हुई बावररी पिया मैं तेरी.. जाने मोहे कैसे ये रोग लगा, कैसे बनी ये कहानी.. लोग कहे मैं हुई दिवानी.. भोर भये से सांझ ढले तक मैं बैठी रहूं अटारी पर .. और बात जोहूं तोहरी.. बलम जी तुम ले ना आना सौतन मेरी.. हुई बावरी पिया मैं तेरी.. तोरे बिना लागे मोहे फीकी बेस्वादी ये दुनिया.. जैसे काजल बहे भई सूनी मोरी अंखियां .. पनघट , पीपल , झूले सब भूली.. ईमली , अमियां, बेर भूली सारी सखियां.. मेरे मन को मिट्ठी लागे बस एक बात तेरी.. हुई बावरी पिया मैं तेरी.. मेरी गोरी कंचन काया भी अब मुरझाई है.. सब कहे तू सांवरी हो आई है.. कैसे कहूं उनसे मोरी प्रीत तोहरे रंग में मिलाई है.. मेरे सांवरे सजन जी अब तो सूधि लो मोरी.. हुई बावरी पिया मैं तोहरी........

5 comments:

Divine India said...

मैं कासे कहूँ तू तो हुई है मीरा री……हा-हा-हा!
जब शब्द कम पड़ जाए तो मै दर्शन के सहारे चलता हूँ,………अवर्णनीय!!!नया-ताजा-मनमोहक-सुंदर…मीरा के दर्शन करा दिये ये क्या कम है किसी के लिये…।

Monika (Manya) said...

aur ye saanware kisna ke liye tha ye tum kaise samajh gaye... radha kaho ya mira ek hi baat hai... thnx for a sweet comment...

Anonymous said...

'बावरी पिया मैं तोरी' पढ़कर मुझे लगभग एक दशक पहले सुनी एक होरी -- विप्रलम्भ श्रंगार / वियोग की पीड़ा और उस पीड़ा,उस टेर को तरल स्वर देती एक अद्भुत होरी -- की याद हो आयी :

" होरी आज़ जरै -- चाहे काल
होरी आज़ जरै -- चाहे काल
अबके पिया परदेश गये हैं
अबके पिया परदेश गये हैं
निगोड़ी आज़ जरै चाहे काल
होरी आज़ जरै चाहे काल । "

मीरा ने तो कहा भी है कि 'घायल की गति घायल जाने', तो इस पीड़ा को वही समझ सकता है जो इससे गुज़रा है.

Monika (Manya) said...

धन्यवाद प्रियन्कर जी जो आप्ने भावनाओं को इतनी अच्छी तरह समझा.. उम्मीद है भविश्य में भी आपका प्रोत्साहन मिलेगा...

Divine India said...

ek baar phir taro taaza ho gaya iss Shringhar Rash mein....simply The Great!!!