Tuesday, March 12, 2013

Main khud ko shakal deti hun


   : सौजन्य : गूगल 


 मेरी ज़िन्दगी के टुकड़े ...
 ये चंद धुंधले से चहरे .....
मेरी अधूरी कहानी के पन्ने .....
ये अधूरे से कुछ रिश्ते ....
बिखर  गए थे यादों के दामन से ..
अधूरे से ये किस्से ...
मेरे वजूद से हिस्से ....
मैं इनको समेटती हुं ....
मैं खुद को एक शक्ल देती हुं