tag:blogger.com,1999:blog-4019492535176911850.post7674028666901129303..comments2023-10-30T21:25:07.292+05:30Comments on RHYTHM OF LIFE...listen it from heart.: ढाई आखर मेरे प्रेम के सांवरे.....कब समझोगे तुम...Monika (Manya)http://www.blogger.com/profile/02268500799521003069noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-4019492535176911850.post-33278561137752083002007-07-30T19:12:00.000+05:302007-07-30T19:12:00.000+05:30Hi Manya ji,m just new in this. As i felt that ye ...Hi Manya ji,<BR/>m just new in this. As i felt that ye sabhi gopiyon ki awaaz hai jo shri krishna sey prem karti hai jo unkey prem mein paagal si ho gayee hai. Her line mein prem aur dard ka ehsaas. Iss kavita mein aapney bahut hin khoobsurti sey shabdo ko sazaaya hai.. Aur aapney shirshak hin itna accha diya hai ki har koi aagey padhney ki khawaish rakhega. ढाई आखर मेरे प्रेम के सांवरे....कब समझोगे तुम...<BR/><BR/>[b]Bahut hin achhi rachna hai.[/b]Sanjeev Kr.https://www.blogger.com/profile/00047540171761563121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4019492535176911850.post-24236510653700102412007-07-25T16:07:00.000+05:302007-07-25T16:07:00.000+05:30यह कान्हा के प्रेम का ही तो रंग है जो आपके काव्य स...यह कान्हा के प्रेम का ही तो रंग है जो आपके काव्य से बरसा है...Anil Aryahttps://www.blogger.com/profile/14108322173036444861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4019492535176911850.post-14664318728899790902007-07-22T16:07:00.000+05:302007-07-22T16:07:00.000+05:30सुभाष जी.. सबसे पहले तो यहां आने का शुक्रिया..उसके...सुभाष जी.. सबसे पहले तो यहां आने का शुक्रिया..उसके बाद ये बताना चाहूंगी यहां 'सांवरे' का इस्तेमाल सांकेतिक नहीं है.. ये प्रभु श्याम के लिये ही हैं.. और जैसा की आपने स्वयं कहा की श्री श्याम का स्वभाव तो ऐसा ही है.. और उनके भक्त प्रेमीगण भी सदियों से ऐसे ही हैं.. और श्याम बेवफ़ा नहीं हैं .. वो सबका ख्याल रखते हैं..पर पूरी दुनिया का ख्याल उन्हें रखना है.. किसी एक के तो वो नहीं हो सकते ना..और ये भाव जो उनके और उनके भक्तों के बीच हैं कभी 'बासी'नहीं हो सकते... पुनरावृत्ति तक बात ठीक है...<BR/><BR/>और परवीन जी की रच्नायें मैंने पढा है.. और बेहद उम्दा लिखती हैं.. उनसे मेरा क्या मुकाबला..Monika (Manya)https://www.blogger.com/profile/02268500799521003069noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4019492535176911850.post-63825410078099516262007-07-22T15:55:00.000+05:302007-07-22T15:55:00.000+05:30मनीष जी और दिव्याभ.. आपसे सिर्फ़ इतना ही कहूंगी.. आ...मनीष जी और दिव्याभ.. आपसे सिर्फ़ इतना ही कहूंगी.. आप्लोग लग्भग शुरु से मेरी रचनायें पढते आ रहे हैं. इस बार भी मैंने तो उसी प्रेम से सांवरे को याद किया था,.. पर शायद प्रेम वही था इसीलिये भाव वही रहे और शब्द भी शाय्द वैसे ही आ गये,, ध्यान रखूंगी...Monika (Manya)https://www.blogger.com/profile/02268500799521003069noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4019492535176911850.post-54589312353624999922007-07-22T15:47:00.000+05:302007-07-22T15:47:00.000+05:30संजय जी ये अर्जी .. लिंक्स चेक करने को ही दी है.. ...संजय जी ये अर्जी .. लिंक्स चेक करने को ही दी है.. :)<BR/><BR/>परमजीत जी ज्यादा ही कह दिया आपने..पर लिखा तो प्रभु प्रेम में ही है..<BR/><BR/>कुमार आशीष जी.. शुक्रिया.. जो आप्ने भावों को सम्झा..Monika (Manya)https://www.blogger.com/profile/02268500799521003069noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4019492535176911850.post-29003125265310521022007-07-17T21:35:00.000+05:302007-07-17T21:35:00.000+05:30मान्या,चूंकि मैंने तुम्हारी काफी सारी कविताओं को प...मान्या,<BR/>चूंकि मैंने तुम्हारी काफी सारी कविताओं को पढ़ा है और सांवरे के लिए लिखी गई कविता जो मुझे बहुत अच्छी लगती है उस शाश्वतता को यह बिल्कुल नहीं छू पाया है… कई सारे भाव ही समान लग रहे हैं…प्रेम की वह पुकार कहीं नहीं दिख रही है…मान्या टाइप की यह कविता कतई नहीं है…।Divine Indiahttps://www.blogger.com/profile/14469712797997282405noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4019492535176911850.post-90099299218124234212007-07-17T20:28:00.000+05:302007-07-17T20:28:00.000+05:30हर पल बरसे... मेरे नयन....सब कहने लगे मुझे... दीवा...हर पल बरसे... मेरे नयन....<BR/>सब कहने लगे मुझे... दीवानी...<BR/>पर जाने कब.... कुछ कहोगे तुम....<BR/>ढाई आखर मेरे प्रेम के सांवरे.... कब समझोगे तुम....<BR/>मान्या जी, ये पंक्तियों में जो आर्त-पुकार है.. वह अभिनन्दनीय है।आशीष "अंशुमाली"https://www.blogger.com/profile/07525720814604262467noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4019492535176911850.post-69847858127223351622007-07-15T21:50:00.000+05:302007-07-15T21:50:00.000+05:30मान्याजी आप ने जो सांवरे का प्रतीक इस्तेमाल किया ह...मान्याजी आप ने जो सांवरे का प्रतीक इस्तेमाल किया है इसकी फितरत में वफ़ा है ही नहीं <BR/>सूरदास की गोपियों भी इसी तरह रोती बिलखती रही हैं देखें -<BR/><BR/>निशदिन बरसत नैन हमारे<BR/>सदा रहत पावस ऋतु हम पर जब ते कृष्ण सिधारे<BR/><BR/>सो एसी बासी उक्तियां रिपीटेशन के सिवा क्या कही जा सकती हैं.<BR/>आपने हमारे ब्लाग पर आकर हमारी ग़ज़लों को नवाज़ा था इसलिए हम हल्के इशारों में कह रहे हैं <BR/>मनीषजी ने परवीन शाकिर पर बड़े प्यारे लेख लिखे है उन्हें देखें कथ्य की सादगी बिना सावरे के भी कितना गहरा असर रखती है-<BR/>परवीन शाकिर जी का शेर है-<BR/><BR/>बस इतनी बात थी उसने तकल्लुफ से बात की<BR/>और हम ने रो रो के दुपट्टा भिंगो लिया.<BR/><BR/>नाचीज की इल्तिजा को समझाजाय.<BR/>डॉ.सुभाष भदौरिया अहमदाबाद.subhash Bhadauriahttps://www.blogger.com/profile/12199661570434500585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4019492535176911850.post-19915610508678215202007-07-15T17:08:00.000+05:302007-07-15T17:08:00.000+05:30मान्या जी,मुझे तो इस रचना को पढ कर ऐसा लगता है कि ...मान्या जी,मुझे तो इस रचना को पढ कर ऐसा लगता है कि आप प्रभू के प्रेम मे मग्न हो कर रचना को गाते-गाते लिखती हैं। क्या मै सही सोच रहा हूँ या मेरा अनुमान गलत है?बढिया रचना है। बधाई।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4019492535176911850.post-50571111018496881582007-07-15T16:55:00.000+05:302007-07-15T16:55:00.000+05:30आपकी पिछली कविताओं में प्रकट किए गए भावों की पुनरा...आपकी पिछली कविताओं में प्रकट किए गए भावों की पुनरावृति का सा अहसास हुआ इस कविता में!Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4019492535176911850.post-73891154699639223102007-07-15T16:01:00.000+05:302007-07-15T16:01:00.000+05:30वह तो ढाई आखर ही समझता है. कम्युनिकेशन नहीं हो रहा...वह तो ढाई आखर ही समझता है. कम्युनिकेशन नहीं हो रहा है तो अपने लिंक्स को चेक करें.Sanjay Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/13133958816717392537noreply@blogger.com